एक आध्यात्मिक घटना-
आजकल परीक्षा परिणामों का सीज़न चल रहा है। रोज़ अख़बार में
हवा में उछलती लड़कियों की तस्वीरें छपती हैं। नतीजों के ब्यौरे होते हैं,
टॉपर्स के इंटरव्यू। तमाम तरह के सवाल पूछे जाते हैं। सफलता कैसे मिली,
आगे की तैयारी क्या है और इस मौके पर आप राष्ट्र के नाम क्या संदेश
देना चाहेंगे आदि-आदि।
ये सब देख अक्सर मैं फ्लैशबैक में चला जाता हूं। याद आता है जब
मेरा 12 का रिज़ल्ट आना था। अनिष्ट की आशंका में एक दिन पहले
ही नाई से बदन की मालिश करवा ली थी। कान, शब्दकोश में न मिलने
वाले शब्दों के प्रति खुद को तैयार कर चुके थे। तैंतीस
फीसदी अंकों की मांग के साथ तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं
को सवा रूपये की घूस दी जा चुकी थी और पड़ौसी, मेरे सार्वजिनक
जुलूस की मंगल बेला का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे।
वहीं फेल होने का डर बुरी तरह से तन-मन में समा चुका था और उससे
भी ज़्यादा साथियों के पास होने का। मैं नहीं चाहता था कि ये
ज़िल्लत मुझे अकेले झेलनी पड़े। उनका साथ मैं किसी कीमत पर
नहीं खोना चाहता था। उनके पास होने की कीमत पर तो कतई नहीं।
दोस्तों से अलग होने का डर तो था ही मगर उससे कहीं ज़्यादा उन
लड़कियों से बिछड़ जाने का था जिन्हें इम्प्रैस करने में मैंने सैंकड़ों पढ़ाई
घंटों का निवेश किया था। असंख्य पैंतरों और सैंकड़ों फिल्मी तरकीबें
आज़माने के बाद 'कुछ एक' संकेत भी देने लगी थीं कि वो पट सकती हैं। ये
सोच कर ही मेरी रूह कांप जाती थी कि फेल हो गया तो क्या होगा!
मेरे भविष्य का नहीं, मेरे प्रेम का! या यूं कहें कि मेरे प्रेम के भविष्य का!
कुल मिलाकर पिताजी के हाथों मेरी हड्डियां और प्रेमिका के
हाथों दिल टूटने से बचाने की सारी ज़िम्मेदारी अब माध्यमिक
शिक्षा बोर्ड पर आ गयी थी। इस बीच नतीजे आए। पिताजी ने तंज
किया कि फोर्थ डिविज़न से ढूंढना शुरू करो!
गुस्सा पी मैंने थर्ड डिविज़न से शुरूआत की। रोल नम्बर
नहीं मिला तो तय हो गया कि कोई अनहोनी नहीं होगी! (फर्स्ट
या सैकिंड डिविज़न की तो उम्मीद ही नहीं थी) पिताजी ने
पूछा कि यहीं पिटोगे या गली में.....इससे पहले की मैं 'पसंद'
बताता...फोन की घंटी बजी...दूसरी तरफ मित्र ने बताया कि मैं पास
हो गया...मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था....पिताजी भी खुश थे।
आगे चलकर मेरा पास होना हमारे इलाके में बड़ी 'आध्यात्मिक घटना'
माना गया....जो लोग ईश्वर में विश्वास नहीं करते थे, वो करने लगे और
जो करते थे, मेरे पास होने के बाद उनका ईश्वर से विश्वास उठ गया! 😎
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