जब बच्चा हनी सिंह के रैप छोड़ के किशोर दा के क्लासिक सुनने लगे तो समझ लीजिए कि यह पूछने का वक्त आ गया है, 'बेटा, क्या नाम है उस लड़की का?' बहुत दूर तक जाना पड़ता है , सिर्फ यह जानने के लिए, नज़दीक कौन है आपकी याद कुछ इस तरह से आई है, हमने पान की पीक भी थूकी, तो उसने भी आपकी तस्वीर बनाई है! कर के अगवा सास मेरे बॉस की, . . . दी है धमकी डाकुओं ने बॉस को. . . . तुमने पहुचाये न अगर पांच लाख, . . . छोड़ देंगे हम तुम्हारी सास को. प्राचीनकाल में जो लोग अपनी नींद, भोजन, हंसी, परिवार एवं अन्य सांसारिक सुखों का त्याग कर एकांतवासी हो जाते थे, उन्हें संत कहा जाता था, लेकिन आजकल उन्हें प्राइवेट नौकरी करने वाला कहा जाता है। बस के कंडक्टर सी हो गयी है जिंदगी यारो सफ़र भी रोज़ का है और जाना भी कही नही इन बादलों का मिजाज मेरे महबूब से बहुत मिलता है। कभी टूट के बरसते हैं,कभी बेरुखी से गुज़र जाते हैं। अकल कितनी भी तेज़ हो,नसीब से जीत नहीं सकती !! बीरबल कितना भी अकलमंद क्यूं ना था, लेकिन कभी बादशाह ना बन पाया !! "हर एक इंसान हवा में उड़ता फिरता है, ...