दो औरतें आपस में पति पत्नी का रिस्ता पे बात करी री थी
- अरे बेन पतो नी ई औरताँ अपना पति की बुरई कैसे करी ले अब म्हारा वाला के देखी लो अक्ल का नाम की कोई चीज उका पास नी है शकल रामजी ने दी नी रंग ऐसो जैसे पैदा होते ज भट्टी में डाली के भूनी दियो होय और कजूंस इतरा की पजामो भी सैकेंड हैंड खरीदी के पेने है खर्राटा इतरा मारे है के मन करे कि सोता की नाक में घासलेट डाली के आग लगई दूँ
पर बेन मजाल है जो आज तक मने उनकी कदि बुरई करी हो जसा बी है म्हारा तो देवता है
मैं तो कदी नी करु उनकी बुरई
करवा चौथ अई री है उपास रखूगाँ उनका वास्ते |
😳😳😳😳😳😳😳😳
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें