एक दादा और एक दादी ने अपनी जवानी के दिनों को ताज़ा और re-live करने की सोची.
.
उन्होन्ने प्लान किया कि वो एक बार शादी से पहले के दिनों की तरह छुप कर नदी किनारे मिलेंगे.
.
.
.
दादा तैयार शैयार होकर, बांके स्टाइल वाला बाल संवार कर, लंबी टहनी वाला खूबसूरत लाल गुलाब हाथ में लेकर नदी किनारे की पुरानी जगह पहूंच गये. उनका उत्सुक इंतज़ार शुरू हो गया.
.
ताज़ी ठंढी हवा बहुत रोमैंटिक लग रही थी.
.
.
एक घंटा गुजरा, दूसरा भी, यहां तक कि तीसरा भी .
.
पर दादी दूर दूर तक नहीं दिखी.
.
दादा अपना सेलफोन भी नहीं ले गये थे क्यों कि उनके समय में तो PCO भी नहीं होते थे।
.
.
.
दादा को फ़िक्र हुई, बहुत गुस्सा आया
.
झल्लाते हुए घर पहुंचे .................. तो देखा
दादी
.कुर्सी पर बैठी मुस्करा रही थी.
.
.
.दादा, लाल पीले होते हुए
.
.
" तुम आयीं क्यों नहीं?
.
.
दादी, शरमाते हुए
."मम्मी ने आने नहीं दिया."
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें