एक आदमी मौलवी के पास जाता है
आदमी : मौलवी साहब कभी कभी रात कु अचानक नींद खुल गइ तो देखता हूं के,
बेगम का चहेरा नूर से चमक रहा है
रौशनी इत्ती होती के ब्लन्केट के उप्पर से किरणे दिखती
ये कैसा नूर है मौलवी साहब..!!
मौलवी : अबे अपने मोबाइल कु पासवर्ड डालके रख,
फोन चेक करती वो तेरा...!!!
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