दारूं की बंद दुकान के बाहर भीड़ लगी थी। एक आदमी बार-बार आगे जाने की कोशिश करता और लोग उसे पकड़ कर पीछे खींच लेते। 5-6 बार पीछे खींचे जाने के बाद वह चिल्लाया: 'लगे रहो लाइन में सालों, मैं आज दुकान ही नहीं खोलूंगा!'.... 😝😝😃😃 रद्दी खरीदने वाला:साहब पुराने कपडे ,पेपर , बर्तन हो तो दे दीजिये। साहब :अभी जाओ मेमसाहब नहीं हैं, मायके गयी हैं। रद्दी वाला (confidence से): तो फिर खाली बोतलें ही दे दीजिये ।